Read this also: यूपी के 150 से अधिक थानेदार-सिपाही सीबीआई रडार पर पीड़िता ने डीएम को दिए गए अपने शिकायती पत्र में बताया है कि वह डुमरियागंज कस्बे में एक मकान में रहती है। पिता की संपत्ति को लेकर उसका उसके दोनों भाइयों के साथ विवाद चल रहा था। मामला तहसीलदार डुमरियागंज की कोर्ट में था। मुकदमें की पैरवी वह खुद ही करती थी। पीड़िता के अनुसार बीते 12 अगस्त को तहसीलदार का पेशकार उसके घर पहुंचा। उसने बताया कि तहसीलदार साहब ने आवास पर बुलाया है। वह पेशकार के साथ ही तहसीलदार के आवास पर गई। पीड़िता के अनुसार तहसीलदार शिवमूर्ति सिंह ने उसे बताया कि उसके मुकदमें में भाइयों ने दो लाख रुपये फैसला पक्ष में सुनाने को दिया है। पीड़िता के अनुसार घूस की रकम बताने के बाद तहसीलदार अश्लील बातें करने लगा। प्रतिरोध करने पर पेशकार ने कमरा बंद कर दिया। इसके बाद तहसीलदार ने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की। बलात्कार में असफल होने पर उसे मारा और धमकी देने लगा कि उसके कहे अनुसार नहीं करने पर वह बर्बाद कर देगा।
उधर, तहसीलदार शिवमूर्ति सिंह ने महिला के आरोपों को निराधार व फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि भाइयों से संपत्ति को लेकर महिला का विवाद है। बीते 16 अगस्त को उनके कोर्ट में निर्णय हो गया। जब फैसला खिलाफ आया तो वह आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि 12 अगस्त को रेप की कोशिश का आरोप लगा रही है लेकिन इतने दिनों तक वह चुप क्यों रही। कहीं शिकायत क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के उकसाने पर भी वह इस तरह का आरोप लगा रही है।